Akshay Baisane | अक्षय बैसाणे
मैं शक की बुनियाद पर केस का पन्ना खोलता हूं और उसे यकीन में बदलकर किताब बंद कर देता हूं
सपने में चाहे जितनी भी तकलीफ हो, लेकिन आंखें खुलते ही सारी तकलीफ मिट जाती है
रिवाल्वर से ज्यादा खतरनाक अगर चीज कोई है, तो वह है तुम्हारी आंखें
जिस तरह जमीन पर पैर रखे बगैर इंसान नहीं चल सकता, उसी तरह मुजरिम कानून से भाग सकता है, लेकिन बच नहीं सकता
किसी की कामयाबी में साथ तो बहुत लोग देते हैं, लेकिन वजह बनता है एक दुश्मन
अंडरस्टँड.... यू बेटर अंडरस्टँड
हर पैदा होने वाले को मरते वक्त कफन पहनना पड़ता है, वैसे ही हर काला धंधा करने वाले को हथकड़ी पहननी पड़ती है
झुंड में तो सुअर आते हैं, शेर तो अकेला ही आता है
कानून इतना मैला है कि उसे अपने हाथ में लेकर मैं अपना हाथ गंदा करना चाहता भी नहीं
शरीफों को लूटना बेईमानी होती है और बेईमानों को लूटना चालाकी